Wednesday, 10 December 2014

"बताओ तुम मुस्लिम हो या नॉन-मुस्लिम ?


आतंकियों ने सड़क पर एक कार को रोका और उसके अंदर मौजूद पति-
पत्नी से पूछा-"बताओ तुम मुस्लिम हो या नॉन-मुस्लिम ?
वे दंपति हिन्दू थे । उन आतंकियों ने उनसे फिर पूछा-"जल्दी बताओ
तुम मुस्लिम हो या नॉन-मुस्लिम ?
"पति ने जवाब दिया-"हम मुस्लिम हैं ।
"आतंकियों ने उनसे कहा-"तो फिर कुरान में से कुछ सुनाओ ।
"पति ने कुछ हड़बड़ाते हुए उन्हें गीता में से कुछ लाइने सुना दीं ।इसके
बाद आतंकियों ने उन्हें जानेदिया ।
उनके गढ़ से कुछ आगे निकलकर पत्नी ने पति से कहा-"यह जानते हुए
भी कि वह लाइने कुरान की नहीं थीं तुमने खतरा मोल लेकर ऐसा क्यूँ
किया ?
"पति ने बहुत ही बेहतरीन जवाब दिया- "अगर इन लोगों ने वाकई में
कुरान पढा होता तो यह बेगुनाहों को कभी नहीं मारते ।"

Friday, 5 December 2014

Sayings of Friends

नींद और मौत में क्या फर्क
है...?
किसी ने क्या खूबसूरत

जवाब दिया है....
"नींद आधी मौत है"
और
"मौत मुकम्मल नींद है"


जिंदगी तो अपने
ही तरीके से चलती है....
औरों के सहारे तो जनाज़े
उठा करते हैं।


सुबहे होती है , शाम
होती है
उम्र यू ही तमाम होती है

कोई रो कर दिल
बहलाता है
और
कोई हँस कर दर्द
छुपाता है.


क्या करामात है कुदरत
की,
ज़िंदा इंसान पानी में डूब
जाता है
और मुर्दा तैर के
दिखाता है...


बस के कंडक्टर
सी हो गयी है
जिंदगी ।
सफ़र भी रोज़ का है और
जाना भी कही नहीं।.....


सफलता के सात भेद, मुझे
अपने कमरे के अंदर
ही उत्तर मिल गये !
छत ने कहा : ऊँचे उद्देश्य
रखो !
पंखे ने कहा : ठन्डे रहो !
घडी ने कहा : हर मिनट
कीमती है !
शीशे ने कहा : कुछ करने से
पहले अपने अंदर झांक
लो !
खिड़की ने कहा :
दुनिया को देखो !
कैलेंडर ने कहा : Up-to-
date रहो !
दरवाजे ने कहा : अपने
लक्ष्य को प्राप्त करने के
लिए पूरा जोर लगाओ !


लकीरें भी बड़ी अजीब
होती हैं------
माथे पर खिंच जाएँ
तो किस्मत बना देती हैं
जमीन पर खिंच जाएँ
तो सरहदें बना देती हैं
खाल पर खिंच जाएँ तो खून
ही निकाल देती हैं
और रिश्तों पर खिंच जाएँ
तो दीवार बना देती हैं..


एक रूपया एक लाख
नहीं होता ,
मगर फिर भी एक
रूपया एक लाख से निकल
जाये तो वो लाख भी लाख
नहीं रहता
हम आपके लाखों दोस्तों में
बस वही एक रूपया हैं …
संभाल के रखनI ,
बाकी सब मोह माया है.