जय हिन्द,
माननीय प्रधानमंत्री जी ,
विषय : दवाइयों के खुदरा मूल्य व् वास्तविक मूल्य में अत्यधिक अंतर होने के सम्बन्ध में .व् दवाओं के नाम हिंदी में छपवाने के सम्बन्ध में .
मैं भारत का एक नागरिक होने के अधिकार से आपसे यह प्राथना करता हूँ की दवाओं के मूल्य में दवा व्यापारियों व् कम्पनीज द्वारा की जा रही मनमानी वृद्धि को रोकने के लिये इनके वास्तविक दाम ऑनलाइन कर दिए जाये . अवं डॉक्टर्स को भी भारत सरकार द्वारा आदेशित किया जाये की वो जान बोझ कर मरीजो को महंगी दवाये ना लिखे ,चुकी दवा कम्पनीज डॉक्टर्स को अलग से मुनाफा देकर उनसे महंगी दवाये लिखवाती है जिसका सबसे ज्यादा असर गरीबो पर व् मधध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ता है, चूँकि ये लोग सबसे संवेदनशील होते है और शिक्षा के ,खासकर अंग्रेजी में इतने निपुण नहीं होते हैं की दवाओं के नामो को भी पढ़ सके. अतः मेरा आपसे अनुरोध है की दवा कम्पनीज को कहा जाये की वो अपनी दावा का नाम हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में लिख कर दे ताकि हर आम भारतीय उसे पढ़ सके और समझ सके तथा अंग्रेजी की आड़ में की जाने वाली धोखेधडी से बच सके .
जय हिन्द जय भारत
गौरव भरद्वाज
माननीय प्रधानमंत्री जी ,
विषय : दवाइयों के खुदरा मूल्य व् वास्तविक मूल्य में अत्यधिक अंतर होने के सम्बन्ध में .व् दवाओं के नाम हिंदी में छपवाने के सम्बन्ध में .
मैं भारत का एक नागरिक होने के अधिकार से आपसे यह प्राथना करता हूँ की दवाओं के मूल्य में दवा व्यापारियों व् कम्पनीज द्वारा की जा रही मनमानी वृद्धि को रोकने के लिये इनके वास्तविक दाम ऑनलाइन कर दिए जाये . अवं डॉक्टर्स को भी भारत सरकार द्वारा आदेशित किया जाये की वो जान बोझ कर मरीजो को महंगी दवाये ना लिखे ,चुकी दवा कम्पनीज डॉक्टर्स को अलग से मुनाफा देकर उनसे महंगी दवाये लिखवाती है जिसका सबसे ज्यादा असर गरीबो पर व् मधध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ता है, चूँकि ये लोग सबसे संवेदनशील होते है और शिक्षा के ,खासकर अंग्रेजी में इतने निपुण नहीं होते हैं की दवाओं के नामो को भी पढ़ सके. अतः मेरा आपसे अनुरोध है की दवा कम्पनीज को कहा जाये की वो अपनी दावा का नाम हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओ में लिख कर दे ताकि हर आम भारतीय उसे पढ़ सके और समझ सके तथा अंग्रेजी की आड़ में की जाने वाली धोखेधडी से बच सके .
जय हिन्द जय भारत
गौरव भरद्वाज