Thursday, 18 February 2016

ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर Obsessive Compulsive Disorder – #OCD in Hindi

OCD in Hindiराकेश का ज़्यादातर दिन जाँच पड़ताल मे बीतता है। उसे घर से बाहर निकलने में काफी  समय लग जाता है क्योंकि वो हमेशा सशंकित रहता है कि उसने सारी खिड़कियाँ, लाइट और पंखो के स्विच बंद किए है या नहीं। वो हमेशा पाँच- छह बार देखता है कि उसने गैस बन्द की है या नही पर फिर भी उसका मन बैचन रहता है इसलिए उसे सारे काम दुबारा से करने पड़ते हैं। कभी कभी अपने साथियो से सारी चीजे दुबारा से check करने के लिए कहता है । अगर वो  ऐसा न करे तो उसे  असहनीय घबराहट होने लगती है। उसे पता है कि यह बेवकूफी है लेकिन उसे लगता है कि अगर कोई बड़ी भूल हो जाए तो उसका जिम्मेदार वो होगा।

इसी तरह रीना को पिछले करीब 6-7 सालों से कुछ ज्यादा सफाई पसन्द हो गई है। अक्सर वो कुछ न कुछ धोती, पोंछती या सफाई करती रहती है और अपने हाथों को दिन में कई बार धोती है जब तक वह लाल ना हो जाए । दिसम्बर-जनवरी की ठिठुरती सर्दी की रातों मे भी उन्हे पानी से अपना घर या कमरा धोते देख सकते है। उसके परिवार वाले भी इन बातों से परेशान हैं लेकिन वो इसको रोक नही सकती।”
इन दोनों इंसानों को पता है की इनका ये ड़र बेमतलब का है फिर भी ये दोनों अपने आपको नहीं रोक पाते। मनोविज्ञान मे इस स्थिति को Obsessive–compulsive disorder (OCD) के नाम से जाना जाता है। Obsessive compulsive disorder(ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) एक चिंता और वहम की बीमारी है जिसमे कुछ गैरजरूरी विचार या आदतें किसी इंसान के दिमाग में कुछ इस तरह जगह बना लेते हैं कि वह इंसान चाहकर भी उन पर काबू नहीं कर पाता। आपका दिमाग किसी एक बात को बार बार सोंचता रहेगा  या फिर आप किसी एक काम को बार बार करते रहेंगे जब तक आपके मन को चैन नहीं मिलेगा

कैसे पता करें कि आपको OCD है या नहीं – Symptoms of OCD in Hindi
  • अगर किसी इंसान को OCD है तो वो दिन में बार बार अपने हाथों को साबुन से धोएगा। उसे चिंता या घबराहट लगी रहेगी कि कहीं उसके हाथ गंदे तो नहीं है या फिर उनमें germs तो नहीं है।
  • चलते चलते सड़क पर बिजली के खंभों या पेड़ो को गिनने की तेज इच्छा होना या उन्हे छूते हुए निकलना।
  • पैसो को बार बार गिनना।
  • बार-बार नहाना या फिर दिन मे कई बार घर की सफाई करते रहना।
  • कुछ विचार(thoughts) या छवि(images) मन में बार बार आते रहते है और इंसान उन पर काबू नहीं पा पाता।
  • ऐसे लोगों मे किसी दूसरे इंसान को बिना बात पर नुकसान पहुंचाने का डर भी रहता है इसलिए ये चाकू और आग जैसी चीजों से दूरी बनाकर रखते है।
  • दूसरे लोगों की तुलना मे ज्यादा परेशान हो जाना अगर चीजे बिल्कुल सही ढंग से या सही जगह पर न हो। उदाहरण के लिए अगर किताबें अलमारी मे ठीक ढंग से न रखी हों।
  • अपने आप से लगातार बहस करते रहना कि इस काम को करुँ या दूसरे काम को करुँ। इस तरह इंसान एक छोटा सा निर्णय(Decision) भी नहीं कर पाता।
  • दूसरों से बार-बार पूछते रहना कि सब कुछ ठीक है या नही।
  • किसी एक काम को बार बार करना (Repeating)। for example – किसी एक चीज को बार बार पढना या लिखना।
  • फालतू चीजों को घर मे जमा करके रखना, जैसे खाने के खाली डिब्बे, फटे हुए कपड़े।
  • नैतिक या धार्मिक विचारों पर पागलपन की हद तक ध्यान देना।
अगर इस तरह के लक्षण किसी इंसान मे 6 महीने से ज्यादा समय से है और अगर इस से उनकी daily routine मे कोई प्रभाव पड़ रहा है तो उन्हे अॅब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर हो सकता है। लेकिन अगर किसी इंसान का  दोहराने वाला व्यवहार खुशी  देने वाला है तो यह OCD नहीं होता जैसे, जुआ खेलने की आदत, ड्रग्स लेना या  शराब पीना।
क्यो होता है Obsessive compulsive disorder ?
OCD होने हा मुख्य कारण है मष्तिष्क (Brain) में कुछ खास किस्म के रसायनों (chemicals) के level में गड़बड़ी होना है, जैसे कि सेरोटोनिन (Serotonin) आदि। रिसर्च मे पाया गया है की OCD एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी मे आता है। अगर किसी के माता पिता को OCD है तो उनके बच्चो को भी OCD होने की संभावना होती है।
अगर कोई इंसान  साफ सफाई मे बहुत ज्यादा ध्यान देता है  या हर काम को perfection से करता है और ऊँचे नैतिक सिद्धान्तों वाले इंसान हैं तो उसे OCD होने की ज्यादा सम्भावना होती है।
OCD कब शुरू हो सकता है? 
Obsessive–compulsive disorder किसी भी इंसान को किसी भी उम्र मे हो सकता है। लक्षण (symptoms) समय के साथ आ और जा सकते है। इस बीमारी का पहला पड़ाव है 10 से 12 साल के बच्चों का और दूसरा  20-25 साल पर शुरू हो जाता है। आंकड़ों पर गौर करें  तो लगभग हर 50 में से एक इंसान को अपनी ज़िंदगी में ओसीडी हो सकता है। यानि ये इतनी uncommon problem नहीं है, और अगर unfortunately आपको या आपके किसी जानने वाले को है तो इसमें शर्म कि कोई बात नहीं, बस किसी भी और बिमारी की तरह इसका इलाज कराने की ज़रूरत है।
वहीँ जिन्हें ये बिमारी नहीं है उन्हें भी OCD से ग्रसित लोगों को अलग नज़र से नही देखना चाहिए, ये तो बस chemical disbalance का रिजल्ट है और ये कल को किसी के साथ भी हो सकता है!
क्या हैं इलाज़ / How to cure OCD in Hindi ?
मामूली OCD वाले बहुत से लोग बिना इलाज के ही अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। मध्यम से गम्भीर तीव्रता के OCD वालों को इलाज़ की जरूरत पड़ती है  हालाकि किसी-किसी समय उनके लक्षण खत्म होते हुए दिखाई देते हैं लेकिन कुछ समय बाद फिर से दिखाई दे सकते है । तीव्र ओसीडी से पीड़ित लोगों मे तनाव या उदासी देखी जा सकती है। इनके लिए इलाज मददगार होगा।
आजकल obsessive compulsive disorder के इलाज़ के आधुनिक तरीकों से मरीजों को काफी राहत देना संभव है। हाँ,  इसके इलाज का असर का पता चलने में 6-7 हफ्ते या उससे ज्यादा समय  भी लग सकता है। इसके इलाज़ में जितना दवाइयो का महत्व है उतना ही महत्व मनोवैज्ञानिक पद्धति से इलाज का है जिसे psychotherapy कहा जाता है।
कई लोग शर्म  की वजह से (लोग क्या कहेंगें) या उनपर पागलपन का ठप्पा लगने के ड़र से मनोवैज्ञानिक समस्याओ को छुपाते है और तकलीफ़ों को सहन करते रहते है जिसकी वजह से तकलीफ और ज्यादा बढ़ जाती है। यह रवैया दिक्कत को कम करने की बजाय ओर बढ़ा देता है। विश्व के कुछ महान लोग जिन्होने इस समस्या के बावजूद विश्व मे खूब नाम कमाया जिनमे Albert Einstein, Charles Darwin, musician Ludwig Van Beethoven, Michael Jackson, बहुमुखी कलाकार Michael Angelo का नाम शामिल है। अगर आपको या आपके आस पास किसी को भी किसी भी प्रकार की psychological problem है तो किसी psychologist या psychiatrist के पास जरूर जाए। इसका इलाज psychological therapies से बहुत आसानी से किया जा सकता है।
दोस्तों, अंत में एक बात कहना चाहूँगा, जब हम किसी बिमारी के बारे में पढ़ते हैं तो कहीं न कहीं हमें फील होने लगता है कि इसके लक्षण तो हमारे अन्दर भी हैं। अधिकतर लोग इसके बारे में कुछ देर सोचते हैं और फिर नार्मल हो जाते हैं, पर कुछ लोग इस विचार से निकलने में अधिक वक़्त लेते हैं। इसलिए अगर OCD के बारे में पढ़ने के बाद आपको ऐसे विचार आ रहे हैं कि ये बिमारी आपको भी है तो be cool, in all probability ये thoughts कुछ समय बाद गायब हो जायेंगे। वहीं दूसरी तरफ अगर seriously इसके symptoms आपसे मैच करते हैं तो इस reality को boldly face करिए और इस बिमारी को जड़ से उखाड़ फेंकिये!

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