पुरानी कहावतों को चरितार्थ करती 2014 की 11 बड़ी घटनाएं
Thanks to
2104 ख़त्म ,उम्मीद करता हूँ
ये साल आपके लिए अच्छा रहा होगा और साथ ही ईश्वर से कामना करता हूँ कि आने
वाला साल आप सबकी life में ढेर सारी खुशियां लेकर आये .
Friends, हम सब पुरानी कहावतों , लोकोक्तियों और मुहावरों
का प्रयोग करते रहते हैं ( for simplicity हम इन सभी को कहावतें ही कहेंगे
) . पता नहीं इन्हे किसने बनाया और ये कैसे प्रचलन में आयीं पर जो भी हो
इनमे बहुत दम है और आज भी ये उतनी ही सही हैं जितना पहले हुआ करती थीं . और
इसी बात को ध्यान में रखकर मैं आपके साथ 2014 की कुछ प्रमुख घटनाएं share
कर रहा हूँ जो हमारी पुरानी कहावतों को चरितार्थ करती हैं. आइये देखते हैं
इन्हे .
1) पेशावर में आतंकवादियों द्वारा 130 स्कूली बच्चों की हत्या :
16 दिसंबर को घटी एक ऐसी घटना जिसने सारे
विश्व को हिला दिया ,पाकिस्तान में हुई इस घटना ने हिन्दुस्तानियों को भी
रुला दिया …ये घटना Pakistan को एक बड़ी सीख देती है और वो सीख इस कहावत में
छिपी हुई है —जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वो खुद उसमे गिर जाता है . I
am sure आपने इस कहावत को ज़रूर सुना होगा , Pakistan ने भारत के खिलाफ
terrorists को support किया और आज वो खुद इसका सबसे बड़ा शिकार बन रहा है .
2) Malaysia Airlines Flight 370 का गायब होना :8 मार्च को गायब हुए इस हवाईजहाज का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है . इसमें 15 देशों के 230 से अधिक लोग सवार थे . यकीन नहीं होता कि जहाँ एक तरफ इंसान मंगल ग्रह तक पहुंच जा रहा है वहीँ पृथ्वी पर इतने बड़े विमान को नहीं खोज पा रहा है , आखिर क्या हुआ उस airplane का उसे ज़मीन निगल गयी या आसमान खा गया.
3) मंगलयान – MOM (Mars Orbiter Mission) की कामयाबी :
आज तक सिर्फ तीन ही Space Agencies Mars तक पहुँच पायी थीं , 24 September को भारत का ISRO भी इस list में शामिल हो गया . लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि ISRO ने ये कमाल अपने पहले ही attempt में कर दिखाया और वो भी औरों की तुलना में कहीं कम लागत पर .
इस event के लिए मुझे कोई उपयुक्त कहावत नहीं सूझ रही , अगर आपके mind में हो तो कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं . (Note: Comment करने के बाद तब तक नहीं दिखेगा जब तक उसे approve न किया जाए )
कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों. Suggested by Ashish ,thanks
4) मोदी और अमित शाह का जादू :
30 साल बाद केंद्र में पूर्ण बहुत की सरकार हो या हरयाणा और झारखंड की जीत BJP ने इस बार चुनावों में उम्मीद से भी अधिक सफलता हासिल की है और इसका श्रेय बहुत हद्द तक मोदी और अमित शाह की जोड़ी को जाता है . और ऐसी ही जोड़ियों के लिए हम कहते हैं - एक और एक ग्यारह होते हैं .
5) Flipkart Big Billion Day की असफलता :
अगर आप online shopping करते हैं तो आपने
Flipkart Big Billion Day की खबर पर ज़रूर ध्यान दिया होगा . October के इस
Mega Sale event को promote करने के लिए Flipkart ने करोड़ों खर्च किये , पर
sale के दिन इतने लोगों ने site hit की कि servers load नहीं ले पाये और
बैठ गए ….as a result इस एक दिन ने भले ही Flipkart के लिए खूब कमाई की पर
उसकी reputation पर एक दाग लगा दिया … इतना की owenrs ने इस failure के लिए
लिखित माफ़ी भी मांगी . इस घटना के लिए एक ही कहावत याद आती है …नाम बड़े और दर्शन छोटे .
6) मलाला युसुफ़ज़ई और कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार :
मलाला सबसे काम उम्र की Noble laureate
हैं , उन्हें ये पुरस्कार लड़कियों की शिक्षा के लिए किये गए उनके संघर्ष को
लेकर मिला है , जिसके लिए उन्हें तालिबान की गोलियां भी खानी पड़ीं . कैलाश
जी बच्चों के हक़ के लिए काम करते रहे हैं , 1980 में उन्होंने बचपन बचाओ
आंदोलन की शुरआत की जिसके अंतर्गत 144 देशों के 83000 से अधिक बच्चों का
जीवन बदला जा चुका है . इन दोनों महान हस्तियों के लिए तो यही कहा जा सकता
है , कर भला तो हो भला .
7) Football World Cup में Brazil की शर्मनाक हार :
8 July को Brazil में ही हो रहे इस
semifinal match को मैं भी देख रहा था ,… जिसने भी देखा उसे यकीन ही नहीं
हो रहा था की Brazil इतनी बुरी तरह से हार सकता है , half time तक Germany
5- 0 से lead कर रहा था , stadium में बैठे दर्शकों के साथ – साथ पूरी
दुनिया के करोड़ों football प्रेमी सन्न रह गए थे … दुसरे हाल्फ के अंतिम
मिनट में ब्राज़ील मात्र एक goal कर पाया और finally 7-1 से हार गया .
इसके लिए भी मुझे कोई उपयुक्त कहावत नहीं सूझ रही , अगर आपको ध्यान आये तो please कमेंट के through बताएं .हांथो के तोते उङ जाना suggested by Anita Ma’am, thanks
8) Arvind Kejrival का इस्तीफा :
अमूमन विरोधी दल सरकार गिराते हैं , पर आम
आदमी पार्टी के मुखिया ने खुद ही 49 दिन सरकार चलाने के बाद बिना किसी ठोस
वजह के इस्तीफा दे दिया ,… इसी को कहते हैं अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारना .
9) संत रामपाल की आश्रम से गिरफ्तारी ये news November 2014 में सुर्ख़ियों में रही . यकीन नहीं होता की खुद को संत कहने वाले के आश्रम में शाश्त्रों का नहीं शश्त्रों का भण्डार था . ऐसे ढोंगी बाबाओं के लिए ये कहावत बिलकुल fit बैठती है – मुख में राम बगल में छूरी .
10) Delhi Zoo की घटना :
September में घटी एक घटना जिसने सबका
ध्यान अपनी ओर खिंचा वो थी दिल्ली के चिड़ियाघर में विजय नाम के एक सफ़ेद बाघ
का मक़सूद नाम के एक व्यक्ति को मारना . 20 साल का मक़सूद ना जाने कैसे बाघ
के बाड़े में जा गिरा , बाघ 10-15 मिनट तक उसे देखता रहा , पर जब वहां खड़े
लोगों ने उसपर पत्थर मारे तो वो मक़सूद को घसीटता हुआ ले गया मार डाला . ये
तो literally मौत के मुंह में कूदना था .
11) सलाखों के पीछे :
इस साल कुछ बहुत ही बड़ी गिरफ्तारियां हुईं
, जिसमे प्रमुख रही तमिल नाडु की Chief Minister Jayalalithaa और Sahara
के Chairman Subrata Roy की गिरफ़्तारी . इन arrests से साबित होता है कि
पैसा और पावर भी आपको क़ानून की गिरफ्त से नहीं बचा सकते। और इसके लिए तो बस
Hindi फिल्मों में अनगिनत बार दोहराया dialogue ही याद आता है … कानून के हाथ लम्बे होते हैं .
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