Wednesday, 14 January 2015

BHARAT KE VEER भारत के वीर


ईस भारत के वीर अनेको हमने ऐसे देखे है
प्राण गवॉ दी जिसने अपनी घुटने कभी ना टेके है
उस भारत के लाल है हम भी हमसे भी टकराना मत
नही तो ईस धरती को तेरे खुन से कर देंगे लथपथ
मातृभूमि के खातिर हम मुंडो की माल सजा देंगे
शत्रु जो आये भारत मे उसे मौत के घाट लगा देंगे
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह को जीवित देख ना पाये है

लेकिन अपने आपको हमने खुदीराम ही पाये है
वो अंग्रेजो कि कायर सेना हमसे ही थर्राई थी
कलकत्ता से राजधानी को दिल्ली मे बैठाई थी
बंगाल से ही शुरुआत हुई तब चिंगारी ही आग बनी
ईक ज्वाला भडक उठी सबमे भारत के लोगो के मन मे
अंग्रेजो भारत छोडो अब अब खड़े हो गये है हम सब
हम सब चढ़ गये थे फॉसी पर अपनी ईस देश की माटी पर
हो गया देश आजाद मेरा दो टूक हो गया छाती पर
भारत के कुछ गद्दारो ने ये पकिस्तान बनाया था
कुर्सी के कुछ मुख्तारो ने ये पकिस्तान बनाया था
ये पाकिस्तान बना करके भारत ने भुजा गवॉया है
वीरो की धरती पर ही वीरो का नही बुलाया है
वही पाक जो भारत था आज उसी से जलता है
पर सुन लो ऐ दुनिया वालो जंगल मे शेर ही चलता है
ईस भारत के वीर अनेको हमने ऐसे देखे है
प्राण गवॉ दी जिसने अपनी घुटने कभी ना टेके है |

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