Thursday, 5 October 2017

शौचालय में पानी को व्यर्थ बहाने से रोका जाना आवश्यक #SaveWaterInToilet #WaterInToilet

माननीय भारत ,

हम सब कुछ क्रर सकते हैं किन्तु बिन पानी के नहीं जी सकते.  कल तक मुफ्त में प्रकृति का दिए ये उपहार आज बोतलों में २०-२० रूपये में बिकने लगा है ; कल को शायद कीमते और भी बढ़ जाए .
खुले में शौच को रोकने के लिए घर घर शौचालय बनवाये जा रहे हैं,
जिससे पानी का उपयोग भी बढ़ जायेगा.
सरकार से निवेदन है की लोगो स्वच्छ पीने योग्य जल को वहा न प्रयोग करने के लिए भी जागरूक करे. क्युकी अगले कुछ दिनों में जो सबसे भयावह संकट आ सकता है वो पानी की किल्लत का होगा. इसके लिए कई शोध व् नयी टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा देना आवश्यक है की वो अशुद्ध पानी को फ्लश में प्रयोग करने व् नित्य कर्म के लिए सामान्य पानी यानी पीने के अयोग्य का प्रयोग होना सुनिश्चित करे .

मैं गांव मेरठ के एक छोटे से गांव सिखेड़ा का निवासी हूँ. यूँ तो हमारा गांव हर प्रकार से संपन्न था और फिलहाल  है भी किन्तु पिछले कुछ दिनों में जलस्तर बुरी तरह गिरा है, ...
हमारे गांव के पास से एक काली नदी बहा करती थी जो अब ख़त्म हो चुकी है या फिर फैक्ट्रीज के लिए नाले का काम करती है,नदी को कागजो पर पुनर्जीवित करने का काम पिछले कई दशक से किया जा रहा है कित्नु स्थिति बद से बदतर हो गयी है .

एक और तो हम हाथ धोने के बाद टंकी को बंद करने की सलाह देते हैं दूसरी और एक दिन में  यूँ टॉयलेट के इस्तेमाल से करोडो लीटर पानी की बर्बादी होती है..
गाँवो में तो एक शौच के बाद एक बाल्टी कम से कम  डाली ही जाती है यानि ६ लीटर पानी रोजाना एक समय में एक व्यक्ति इस्तेमाल क्र लेता है.

मेरा अनुरोध इस पानी को बचाने के लिए है ,,,ताकि हम इसे जितना कम व् पर्याप्त हो सके इस्तेमाल करे.
व्यक्तिगत स्तर  पर मैं जो कुछ कर सकता हूँ कर रहा हूँ किन्तु इसके लिए भी शायद  स्वच्छ भारत,व् शौचमुक्त भारत जैसे अभियान भविष्य में सरकार चलाये .

एक भारतीय
गौरव भारद्वाज







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