जीवन मे अक्सर कुछ ऐसा होता है जो अनिश्चितता की सभी पराकष्ठा को पार कर देता है , लगता है जैसे भगवान ने इस दुनिया मे कुछ निश्चित किया है तो वो है केवल अनिश्चितता।
वास्तव में देखे तो कुछ भी कभी हमेशा नही रहता, चाहे वो सुख हो या दुख, चाहे वो रात हो या दिन।
कोई भी मनुष्य हमेशा एक जैसा नही रह सकता, समय चक्र उसे बदल देता है।उसके जीवन मे बहुत कुछ ऐसा आता है जिसे वो नही जानता। जिसके लिए वो कभी तैयार नही होता।
लेकिन वो सब होता है, क्योंकि मुस्कान यदि हमेशा रहे तो बनावटी लगने लगती है। इसलिए ही मुश्किल समय आता है, हमारी भरपूर परीक्षा लेता है।चेहरे पर चिंता की रेखाएं बनती है फिर जो मुस्कान आती है प्राकृतिक सौंदर्य लेकर आती है। ये समय हमे समझाता है कि हम व्यर्थ ही खुद को निर्णायक समझते है। जबकि परिस्थितियों को बनाने और बिगाड़ने के लिए अनिश्चितता नामक ईश्वरीय अस्त्र है।
हम मुश्किल से मुश्किल समय से निकल जाएंगे। हमे बस भगवान का धन्यवाद करना होगा। किसी भी जीत या हार के पूरी तरह जिम्मेदार हम नही हैं। क्योंकि अगर कुछ निश्चित है तो वो है ये अनिश्चितता।
हम जीत जाएंगे, और इसमें ईश्वर हमारी सहायता के लिए उन लोगो को भेजेगा जिनसे हमारा मिलना भी अनिश्चित होगा।
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