Sunday, 23 August 2020

#संयुक्त_परिवार_का_महत्व। #आधुनिक जीवनशैली आत्महत्या को बढ़ावा देने वाली।|



*थोड़ा लीक से हटकर बात...*

*सुशांत से जो गलती हुई उससे सबक ले नयी पीढ़ी...*

*सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी संदेहास्पद मौत एक सबक भी है।*

आजकल की नौजवान पीढ़ी के लिए विशेषकर सम्पत्ति सफ़लता और सम्मान की विशेष ऊंचाईयों को छूने वाली वर्तमान नौजवान पीढ़ी के लिए.

*इन दिनों यह खबरें देख सुन कर मैं हतप्रभ हूं कि सुशांत की बहनें, यहां तक कि उसके 74 वर्षीय वृद्ध पिता तक सुशांत से कई कई महीने तक बात नहीं कर पाते थे.*

रिया चक्रवर्ती की इसमें जो भूमिका थी वह उजागर हो रही है. लेकिन मेरी पोस्ट का मूल तत्व यह है कि...
*सुशांत के इर्द-गिर्द यह स्थितियां बनी क्यों...*

इस बारे में मेरा मत इनदिनों हो रहीं भांति भांति की चर्चाओं से कुछ अलग है जिसे मैं साझा कर रहा हूं.

पहले तीन तथ्य समझ लीजिए तो बात पूरी तरह समझ में आयेगी.

नयी पीढ़ी भले अनजान हो लेकिन मेरी पीढ़ी और मुझसे पहले वाली पीढ़ी जानती है कि  इसी फिल्मी दुनिया में दौलत और शोहरत की जिन ऊंचाइयों को राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र ने छुआ था उन ऊंचाइयों की तुलना में पांच प्रतिशत ऊंचाई भी सुशांत ने नहीं छुई थी.

लेकिन आपको यह जानकर सुखद आश्चर्य होगा कि राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र की तिकड़ी अपने फिल्मी कैरियर के चरम पर जब दौलत और शोहरत की नयी ऊंचाइयों को लगातार पार करती जा रही थी। उस समय इनके माता पिता इनसे अलग नहीं रहते थे. ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले अपने माता पिता को धर्मेन्द्र मुम्बई में अपने साथ रखते थे. इसी वर्ष 83 वर्ष की आयु में धर्मेन्द्र ने अपनी माताश्री को याद करते हुए उनकी फोटो के साथ उनकी यादों को ट्वीट करते हुए यह बताया था कि जब तक मां जीवित रहीं तब तक घर पर पैसों का हिसाब किताब वो ही करती थीं. मेरी फिजूलखर्ची पर टोकती भी रहती थीं. धर्मेन्द्र के लिए तो उस जमाने में मशहूर था कि उनके गांव का कोई भी व्यक्ति मुम्बई आकर उनके घर में रहने के लिए स्वतंत्र था.

यही स्थिति राजेश खन्ना की थी. पिता का देहान्त हो चुका था और उनकी मां उनके साथ ही रहती थीं. ऐसा नहीं है कि राजेश खन्ना की मां असहाय थीं. बहुत कम लोगों को यह ज्ञात होगा कि राजेश खन्ना गोद ली हुई सन्तान थे और उन्हें गोद लेनेवाले माता पिता 60 के दशक में करोड़पति थे. इसलिए मां राजेश खन्ना पर आश्रित नहीं थीं किन्तु अन्तिम समय तक वो राजेश खन्ना के साथ उनके घर में ही रहीं.

अन्तिम उदाहरण अमिताभ बच्चन का. सारी दुनिया जानती है कि अन्तिम समय तक उनके पिता हरिवंश राय बच्चन और उनकी माताश्री तेजी बच्चन उनके साथ उनके घर में ही रहते थे. बच्चन जी का देहान्त 96 वर्ष की आयु में 2003 में तथा तेजी जी का देहान्त 93 वर्ष की आयु में 2007 में हुआ. यह तिथियां बताती हैं कि अमिताभ बच्चन की अभूतपूर्व लोकप्रियता और स्टारडम के पूरे दौर में उनके माता पिता उनके साथ ही थे.

अब बात मुद्दे की. ऐसा नहीं है कि हिन्दी फ़िल्मों के जिन तीन सुपर स्टारों का ऊपर जिक्र किया है, उन्होंने अपने उस दौर में कम मौज मस्ती की. उनकी रंगीन जीवनशैली के गुलछर्रे के किस्सों से तब की फिल्मी पत्रिकाएं पटी रहती थीं. इन फिल्मी सितारों के जीवन में भयानक झंझावात भी आए. लेकिन किसी का भी हश्र सुशांत या उस जैसे कुछ और लोगों की तरह नहीं हुआ. यह सितारे उन झंझावातों से धमक के साथ उबरते रहे और चमकते रहे.

राजेश खन्ना,  तो नहीं रहे लेकिन धर्मेन्द्र और अमिताभ बच्चन आज भी एक आलीशान जिंदगी जी रहे हैं.

*दरअसल व्यक्ति की मानसिक वैचारिक और आंतरिक ऊर्जा का केन्द्र उसका घर होता है तथा माता पिता उस ऊर्जा के मुख्य स्त्रोत होते हैं.*

कितना भी भीषण संकट या समस्या क्यों ना हो वो चट्टान की तरह आपके साथ खड़े होते हैं और आपका मनोबल नहीं टूटने देते हैं. आपकी कमियों गलतियों की आलोचना करते हुए भी वो जिस तरह, जिस शैली में उसे स्वीकार लेते हैं, आत्मसात कर लेते हैं. उस तरह से कोई दूसरा व्यक्ति कर ही नहीं सकता.

मां और पिता की उपस्थिति में रिया सरीखी बलाएं घर के बाहर आपके आसपास मंडराने में तो सफल हो सकती हैं लेकिन आपके घर की चौखट से कोसों दूर रहती हैं.

*मां और पिता ने आपको आपके जन्म के साथ ही देखा जांचा परखा और समझा होता है. यह अवसर आपकी पत्नी/पति और आपकी सन्तान को नहीं मिलता. कुछ अपवाद हो सकते हैं।*

लेकिन 99% मामलों में ऐसा ही होता है।

बहुत विस्तृत विषय है, एक पुस्तक लिखी जा सकती है।

इस पर

*लेकिन आज बहुत संक्षेप में इस विषय की चर्चा इसलिए की क्योंकि मेरा मानना है कि सुशांत के साथ यदि उसके वृद्ध पिता रह रहे होते तो जितने अजीबोगरीब प्रकरण आज सामने आ रहे हैं, जो उसकी मृत्यु के कारण भी बने, उनमें से एक भी प्रकरण सुशांत के जीवन में नहीं घटता.*

*याद रखिए कि जब दौलत और शोहरत का नशा आपके सिर पर चढ़ना शुरू होता है तो उस नशे को उतारने की हिम्मत और हौसला सिर्फ आपकी मां और आपके पिता के पास होता है। तेल+रुई से तैयार दीपक की कतार से दीपावली होती है और बिना निरीक्षक के सब कुछ स्वाहा भी हो जाता है दीपक निरीक्षण महत्त्वपूर्ण है । समाज को प्रकाशमय करने वाले दीपक को नमन।

🙏🙏🙏

Tuesday, 11 August 2020

बटवारा। #GanvMe Batvara. #Batwara #Patition_In_Village

ये जो तस्वीर है वो दो भाइयों के बीच बंटवारे के बाद की बनी हुई तस्वीर है। बाप-दादा के घर की देहली को जिस तरह बांटा गया है वह  हर गांव-घर की असलियत को भी दर्शाता है। 
दरअसल हम गांव के लोग जितने खुशहाल दिखते हैं उतने हैं नहीं। जमीनों के केस, पानी के केस, खेत-मेढ के केस, रास्ते के केस, मुआवजे के केस, व्याह शादी के झगड़े, दीवार के केस,आपसी मनमुटाव, चुनावी रंजिशों ने समाज को खोखला कर दिया है। 
अब गांव वो नहीं रहे कि बस में गांव की लडकी को देखते ही सीट खाली कर देते थे बच्चे। दो चार थप्पड गलती पर किसी बुजुर्ग या ताऊ ने टेक दिए तो इश्यू नहीं बनता था तब। 
अब हम पूरी तरह बंटे हुए लोग हैं। गांव में अब एक दूसरे के उपलब्धियों का सम्मान करने वाले, प्यार से सिर पर हाथ रखने वाले लोग संभवत अब मिलने मुश्किल हैं। 
हालात इस कदर खराब है कि अगर पडोसी फलां व्यक्ति को वोट देगा तो हम नहीं देंगे। इतनी नफरत कहां से आई है लोगों में ये सोचने और चिंतन का विषय है। गांवों में कितने मर्डर होते हैं, कितने झगडे होते हैं और कितने केस अदालतों व संवैधानिक संस्थाओं में लंबित है इसकी कल्पना भी भयावह है। 
संयुक्त परिवार अब गांवों में एक आध ही हैं, लस्सी-दूध जगह वहां भी डयू कोका  पिलाई जाने लगी है। बंटवारा केवल भारत का नहीं हुआ था, आजादी के बाद हमारा समाज भी बंटा है और शायद अब हम भरपाई की सीमाआें से भी अब दूर आ गए हैं। अब तो वक्त ही तय करेगा कि हम और कितना बंटेंगे। 

एक दिन यूं ही बातचीत में एक मित्र ने कहा कि जितना हम पढे हैं दरअसल हम उतने ही बेईमान बने हैं। गहराई से सोचें तो ये बात सही लगती है कि पढे लिखे लोग हर चीज को मुनाफे से तोलते हैं और ये बात समाज को तोड रही है।

Monday, 10 August 2020

बेल पत्र का महादेव के पूजन में महत्व #शिव//पूजन//में//बेलपत्र। #बेलपत्र


ॐ नमः शिवाय

#बिल्व_वृक्ष_विशेष_पंचपत्रबिल्व_दर्शनम्

1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते ।
2. अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है ।
3. वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है ।
4. चार पांच छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है ।
5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है। और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।
6. सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है।
7. बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है।
8. बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
9. बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे ।
10. जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते है ।
11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता है।
कृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये ।
बिल्व पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं।

#शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात:-

#शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से क्या फल मिलता है । किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन
मिलता है कि भगवन शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है।
#शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है:
1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाताहै।
3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए।
#शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस(द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है।
1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।
3. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
4. सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।
5. शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
6. शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
7. मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।

#शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है-
☑️1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
☑️2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
☑️3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
☑️4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
☑️5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती
है।
☑️6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
☑️7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
☑️8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
☑️9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशनकरता है।
☑️10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
☑️11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

ॐ हर हर हर महादेव
💐💐💐💐💐💐💐

Thursday, 23 July 2020

चंद्रशेखर आज़ाद #chandrashekharAzadInHindi #Story_of_Death_Of_Chandrashekhar_Azad

भारत की हवाओं से अंग्रेज़ी अहंकार का ज़हर मिटाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देने वाले बाल गंगाधर तिलक जी और शहीद चंद्रशेखर आज़ाद जी के जन्मदिवस पर दोनों नर-सिंहों को प्रणाम। 🙏🇮🇳💐
'भारत की फ़ज़ाओं को सदा याद रहूँगा
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा" 
#चन्द्रशेखर_आज़ाद
उपनाम :'आजाद',
जन्मस्थल :भाबरा गाँव (चन्द्रशेखर आज़ादनगर) (वर्तमान अलीराजपुर जिला)[1][2]
मृत्युस्थल:चन्द्रशेखर आजाद पार्कइलाहाबादउत्तर प्रदेश
आन्दोलन:भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
प्रमुख संगठन:हिदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन-के प्रमुख नेता (१९२८)

सन् १९२२ में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन को अचानक बन्द कर देने के कारण उनकी विचारधारा में बदलाव आया और वे क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बन गये। इस संस्था के माध्यम से उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में पहले ९ अगस्त १९२५ को काकोरी काण्ड किया और फरार हो गये। इसके पश्चात् सन् १९२७ में 'बिस्मिल' के साथ ४ प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होंने उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया तथा भगत सिंह के साथ लाहौर में लाला लाजपत राय की मौत का बदला सॉण्डर्स की हत्या करके लिया एवं दिल्ली पहुँच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया।


Story of Death Of Chandrashekhar Azad       

साँझ की बेला में दुआर बुहारती जगरानी के आसपास जब लोगों की भीड़ खड़ी होने लगी तो अशुभ की आशंका से उनका हृदय काँप उठा। उन्होंने सर उठा कर कुछ लोगों का मुह निहारा, सबके मुखड़े जैसे रो रहे थे। एकाएक सन्न हो उठे कलेजे को थाम कर उन्होंने पूछा- क्या चन्दू को पुलिस ने पकड़....?
कहीं से कोई उत्तर नहीं मिला। जगरानी जैसे काँप उठीं... उनके मुह से आह फूटी-" तो चन्दू की प्रतिज्ञा टूट गयी?"
पीछे से किसी उत्साहित युवक ने कहा- नहीं माँ! चन्दू भइया की प्रतिज्ञा तोड़ दे इतनी सामर्थ्य तो यमराज में भी नहीं।
जगरानी ने प्रश्नवाचक दृष्टि से उस युवक की ओर देखा जिसने आज उन्हें माँ कहा था। उनके हाथ से कूँची छूट गयी। उन्होंने काँपते हुए पूछा- तो क्या....
युवक ने रोते हुए कहा- चन्दू भइया अमर हो गए माँ! प्रयाग में जब पुलिस ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया तो वे देर तक अकेले ही लड़ते रहे। जब अंत में उनके पास एक ही गोली बची तो उन्होंने स्वयं को गोली मार ली, अंग्रेजों की गोली तो उन्हें छू भी नहीं पायी...
जगरानी ने अपना बेटा खो दिया था। वे जैसे जड़ हो गयी थीं। आँखों से धार बहने लगी थी। बढ़ती हुई भीड़ चुपचाप उनका मुह निहार रही थी। कुछ पल की चुप्पी के बाद उनके स्वर फूटे- तो अज्जू की टेक रह गयी!
युवक ने उत्साहित हो कर कहा- चन्दू भइया के मरने के आधे घण्टे बाद तक कोई सिपाही का उनके पास जाने का साहस न कर सका माँ!
जगरानी कराह उठीं।
युवक ने उन्हें ढाढ़स देने के लिए कहा- लोग कह रहे हैं कि प्रयाग के पार्क में इतनी भीड़ थी जिनती आज तक कभी नहीं हुई होगी।
पूरा देश 'चंद्रशेखर आजाद अमर रहें' के नारे लगा रहा है माँ!
जगरानी भूमि पर पसर गयी थीं। दूर स्तब्ध से खड़े लोग कुछ क्षण बाद उनके निकट आने लगे। महिलाओं ने रोती माँ को ढाढ़स देने का प्रयास किया। अचानक रोती जगरानी के मुह पर एक अजीब मुस्कान फैल उठी, उन्होंने अजीब से गर्व के साथ कहा- ऐसी टेक तो भीष्म ने भी न निभाई थी...
भीड़ जैसे उत्साह से उबल पड़ी थी। किसी ने कहा- हमारा चन्दू राजा था काकी! ऐसी मृत्यु कहाँ किसी को मिलती है... वह विश्व के सभी बलिदानियों का सिरमौर बन गया है...
जगरानी ने उसी अजीब से स्वर में कहा- मैं जीवन भर सोचती रही कि मुझ दरिद्र का नाम 'जगरानी' क्यों है, आज अज्जू सच में मुझे जगरानी बना कर चला गया।
कुछ पल बाद उन्होंने पूछा- किसी ने चन्दू का शव देखा?
उत्तर मिला- नहीं! अज्जू भइया की देह पुलिस उठा ले गयी। पर देखने वाले बता रहे थे उनके मुख पर वही सदैव सी मुस्कान फैली हुई थी। लगता था जैसे अभी मूछ उमेठ कर मुस्कुरा रहे हों...
बूढ़ी फफक पड़ी- "मुस्कुराएगा क्यों नहीं? जो चाहता था वह तो कर ही लिया..."
"पर माँ! पुलिस हमें चन्दू भइया का शव नहीं देगी, लोग जुलूस निकाल रहे हैं पर पुलिस नहीं मानेगी। ईश्वर ने हमें अंतिम बार देखने भी नहीं दिया..."
जगरानी में जाने कहाँ का बल, कहाँ का सन्तोष आ गया था। बोलीं- अरे जाने दे! वो हमारा था कहाँ? उसकी माँ तो यह धरती थी, उसने तो देखा न उसे अंतिम बार! उसी की गोद में ही न उसने अंतिम सांस ली! भले मेरा बेटा छिन गया, पर उसे तो उसकी माँ मिल गयी... जाने दे!"
भीड़ खड़ी थी पर सन्नाटा पसरा था। कुछ लोगों ने उत्साह में नारे लगाए। माँ निःशब्द पड़ी थी। किसी ने एक लंबी आह भर कर कहा- आजाद जैसे बीर ऐसी ही माँओं की कोख से जन्मते हैं। एक आजाद बनाने के लिए जाने कितनी बार ईश्वर सर पटकता होगा।


Monday, 20 July 2020

#कभी कभी भाई होना किसी हीरो से कम नहीं लगता. #छोटे_भाई_का_जन्मदिन , #Birthday_Of_brother #Do_Bhai #Being_Brother #Brother_Quotes #Lines_On_Bhai_In_hindi #Gift_for_Brother #Gift_Ideas_forBhai_in_Hindi

कभी कभी भाई होना किसी हीरो से कम नहीं लगता.

आज छोटे भाई का जन्मदिन है, अब छोटा लिख देने का मतलब ये कभी ना समझ लेना की वो छोटा है, जिम्मेदारी निभाने में वो सबसे बड़ा है और उसकी हर बात का मान सब बड़े रखते हैं.
आज इस बात को ब्लॉग में लिखने का मेरा मकसद आप सभी से ये बात भी शेयर करने का है की घर के छोटे घर की जिम्मेदारी में बड़े बन जाते हैं तो वो उन सब जिम्मेदारियों को अपने बड़ो से भी ज्यादा अच्छे से निभा कर दिखाते हैं. 
कभी भी अपने छोटे भाई को या बहन को नज़रअंदाज न करे क्यूंकि इन्हे हमारी और हमे इनकी बहुत जरुरत  होती है. यदि हम लोग अपने छोटे भाई बहनो को समय नहीं देते तो वो बेचारे अक्सर गलत लोगो की राय को सही मान लेते हैं. और बाद में इसका परिणाम बुरा निकलता है . मित्रो अपने से छोटे भाई बहनो से सभी मुद्दों पर खुलके बात करे ,हो सकता है शुरुवात में थोड़ी कठिनाई आये , लेकिन यकीं मानिये अगर उन्होंने आपके अंदर अपना बेस्ट फ्रेंड पा लिया तो दुनिया की कोई ताक़त उन्हें गलत रस्ते पर नहीं ले जा सकती .
 
यदि तुम ना होते तो मैं कभी बड़ा भाई ना कहलाता . इसलिए अपने छोटे भाई का मैं तो दिल से धन्यवाद करता हूँ. आप क्या सोचते हैं ये जरूर बताना .


जन्मदिन की शुभकामनाये भाई .

Lines for Brother 
#तेरे भाई के हाथों की लकीरें बहुत ख़ास हैं,
तभी तो तुम जैसा भाई  हमारे पास हैं .

#भाई पर मुसीबत आये तो भाई संभाल लेता हैं,
दम इतना होता है कि पीछे हटने का नाम नहीं लेता हैं |

#भाई पर रख विश्वास और ख़ुदा पर आस्था,
मुश्किल चाहें जैसी हो निकाल लेंगे कोई रास्ता

#दुनिया में सब चीज मिल जाती हैं,
पर भाई वाला प्यार नहीं मिलता हैं.

#मेरी ताकत, मेरा वो सहारा है,
भाई तू मुझे जान से भी प्यारा हैं|

#मेरे भाई से न तो कोंई उल्झता हे
न ही भाई से अधिक कोई समझता है.

Gift For Brother
भाई के लिए उपहार 
जन्मदिन हो या कोई भी उत्सव ,हमारे देश में उपहार देने लेने का भी एक अलग रिवाज बन गया है . लेकिन मेरा मानना है की उपहार ऐसा हो जो उनके उपयोग का हो और उन्हें वो याद भी रहे .
अब भाई चाहे बड़ा हो या छोटा कुछ गिफ्ट हमेशा यादगार रहते हैं .
1 . घडी 
जब जब आप एक साल बड़े हो जाते हैं तो जन्मदिन आता है, या यूँ कहे की एक दिन ये बताने के लिए आता है की एक साल और गुजर गया , मकसद के तरफ आगे बढ़ो. ऐसे में अपने भाई को उनकी पसंद की घडी गिफ्ट  करना अच्छा आईडिया हो सकता है. 

2 . कपडे 
प्रिंटेड टी शर्ट या अच्छी शर्ट सदाबहार उपहार हैं , भाई के फोटो या नाम या निक नाम के प्रिंट की टी शर्ट एक बहुत अच्छा गिफ्ट है 

3 फर्नीचर 
दोस्तों ये सुनने में अजीब जरूर है लेकिन यकीं मानिये ये गज़ब का काम करता है ,खास कर यदि आपका भाई अभी स्टडी करता है या कोई बिजनेस करता है , तो आप उन्हें उनके हिसाब से स्टडी चेयर या ऑफिस चेयर गिफ्ट कर सकते हैं .

4 .हेल्थ गैजेट 
आज सभी लोग हेल्थ के लिए जागरूक है , और इसलिए अपने भाई की सेहत का ध्यान रखना भी बेहद जरुरी है, ऐसे में आप उन्हें ऐसे गैजेट गिफ्ट दे सकते हैं जो उनकी कैलोरी बताता रहे .

5 .हेलमेट या सेक्युरिटी गैजेट 
महंगा हेलमेट आपके अपने लादले की हेलमेट ना पहनने की आदत बदल सकता है .

Sunday, 19 July 2020

#अकेलापन #Motivational_Story #Akelapan #BestPost,

एक बहुत ही प्रेरणा दायक कहानी - अकेलापन

मेरी पत्नी ने कुछ दिनों पहले घर की छत पर कुछ गमले रखवा दिए और एक
छोटा सा गार्डन बना लिया।

पिछले दिनों मैं छत पर गया तो ये देख कर हैरान रह गया कि कई गमलों में
फूल खिल गए हैं,
नींबू के पौधे में दो नींबू  🍋🍋भी लटके हुए हैं और दो चार हरी
मिर्च भी लटकी हुई नज़र आई।

मैंने देखा कि पिछले हफ्ते उसने बांस 🎋का जो पौधा गमले में लगाया था,
उस गमले को घसीट कर दूसरे गमले के पास कर रही थी।

मैंने कहा तुम इस भारी गमले को क्यों घसीट रही हो?
पत्नी ने मुझसे कहा कि यहां ये बांस का पौधा सूख रहा है, इसे खिसका कर इस पौधे के पास कर देते हैं।


मैं हंस पड़ा और कहा अरे पौधा सूख रहा है तो खाद डालो, पानी डालो। 💦

इसे खिसका कर किसी और पौधे
के पास कर देने से क्या होगा?" 😕

_पत्नी ने मुस्कुराते हुए कहा ये पौधा यहां अकेला है इसलिए मुर्झा रहा है।

इसे इस पौधे के पास कर देंगे तो ये फिर लहलहा उठेगा। ☺

पौधे अकेले में सूख जाते हैं, लेकिन उन्हें अगर किसी और पौधे का साथ मिल जाए तो जी उठते हैं।"


यह बहुत अजीब सी बात थी। एक-एक कर कई तस्वीरें आखों के आगे बनती
चली गईं।

मां की मौत के बाद पिताजी कैसे एक ही रात में बूढ़े, बहुत बूढ़े हो गए थे।

हालांकि मां के जाने के बाद सोलह साल तक वो रहे, लेकिन सूखते हुए पौधे की तरह। 😞

मां के रहते हुए जिस पिताजी को मैंने कभी उदास नहीं देखा था, वो मां के जाने के बाद
खामोश से हो गए थे।😔

मुझे पत्नी के विश्वास पर पूरा विश्वास हो रहा था।

लग रहा था कि सचमुच पौधे अकेले में सूख जाते होंगे।

बचपन में मैं एक बार बाज़ार से एक छोटी सी रंगीन मछली 🐠खरीद कर लाया था और
उसे शीशे के जार में पानी भर कर रख दिया था।

मछली सारा दिन गुमसुम रही।
मैंने उसके लिए खाना भी डाला, लेकिन वो चुपचाप इधर-उधर पानी में अनमना सा घूमती रही।

सारा खाना जार की तलहटी में जाकर बैठ
गया, मछली ने कुछ नहीं खाया। दो दिनों तक वो ऐसे ही रही, और एक सुबह मैंने देखा कि वो पानी की सतह पर उल्टी पड़ी थी। 😞😞

आज मुझे घर में पाली वो छोटी सी मछली याद आ रही थी।

बचपन में किसी ने मुझे ये नहीं बताया था, अगर मालूम होता तो कम से
कम दो, तीन या ढ़ेर सारी मछलियां खरीद लाता और मेरी वो प्यारी
मछली यूं तन्हा न मर जाती। 😢

बचपन में मेरी माँ से सुना था कि लोग मकान बनवाते थे और रौशनी के लिए कमरे में दीपक🔥 रखने के लिए दीवार में इसलिए दो मोखे बनवाते थे क्योंकि माँ का
कहना था कि बेचारा अकेला मोखा गुमसुम और उदास हो जाता है।

मुझे लगता है कि संसार में किसी को अकेलापन पसंद नहीं।

_आदमी हो या पौधा, हर किसी को
_किसी न किसी के साथ की ज़रुरत होती है।

आप अपने आसपास झांकिए, अगर कहीं कोई अकेला दिखे तो उसे अपना
साथ दीजिए, उसे मुरझाने से बचाइए।

अगर आप अकेले हों, तो आप भी
किसी का साथ लीजिए, आप खुद को भी मुरझाने से रोकिए।

_अकेलापन संसार में सबसे बड़ी सजा है। गमले के पौधे को तो हाथ से खींच
कर एक दूसरे पौधे के पास किया जा सकता है, लेकिन आदमी को करीब लाने के
लिए जरुरत
होती है रिश्तों को समझने की, सहेजने की और समेटने की।😊

अगर मन के किसी कोने में आपको लगे कि ज़िंदगी का रस सूख रहा है,
जीवन मुरझा रहा है तो उस पर रिश्तों के प्यार का रस डालिए। 💧☺

खुश रहिए और मुस्कुराइए।☺ कोई यूं ही किसी और की गलती से आपसे दूर हो
गया हो तो उसे अपने करीब लाने की कोशिश कीजिए और हो जाइए
हरा-भरा।

Saturday, 23 May 2020

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कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है। गाय और सूअर में इनके कारण अतिसार हो सकता है जबकि इनके कारण मुर्गियों के ऊपरी श्वास तंत्र के रोग उत्पन्न

हो सकते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या विषाणुरोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है। अभी तक रोगलक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, आदि) का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे।

चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला 2019 नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण सन् 2019-20 काल में तेज़ी से उभरकर 2019–20 वुहान कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID-19 रखा।

In 2019
मेडिकल जगत में आजकल चर्चा और चिंता का विषय बना हुआ है कोरोना वायरस। इस वायरस के तेजी से फैलने के केस सामने आ रहे हैं, जिससे चिकित्सा विशेषज्ञों के बीचा चिंता बढ़ रही है। लगातार इस वायरस से जुड़ी नई जानकारियां सामने आ रही हैं। जिनमें इस वायरस के कारण होनेवाली दिक्कतें और लक्षण जैसी जरूरी बातें भी शामिल हैं। आइए, जानते हैं इस वायरस के कारण होनेवाली बीमारी और उसके प्रभाव के बारे में...

कोरोना वायरस का प्रकोप अब पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। चीन की सरहदों को पार कर यह वायरस दुनिया के लगभग सभी देशों में मातम की वजह बना हुआ है। यही वजह है कि भारत सरकार ने लॉकडाउन 4 के दौरान भी इंटरनैशनल फ्लाइट्स बंद कर रखी हैं और पूरे देश में इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी गाइडलाइन्स का पालन किया जा रहा है। ताकि इस वायरस के संक्रमण को रोका जा सके और इसका बायॉलजिकल साइकल ब्रेक किया जा सके।
यह वायरस दिसंबर के पहले सप्ताह और इस साल की शुरुआत में चर्चा का विषय बना। चाइना में इस वायर से अब तक लाखों मौतें हो चुकी हैं। जबकि इस वायरस की चपेट में आनेवाले लोगों की संख्या कई लाख में है और लगातार बढ़ती जा रही है।
  1. कहां से फैलना शुरू हुआ कोरोना वायरस?
    जैसा कि हमने ऊपर भी बताया कि कोरोना वायरस के मामले सबसे पहले चीन में देखने को मिले। दरअसल, चीन के हुवेई प्रांत के वुहान शहर में इसका असर सबसे पहले और सबसे घातक रूप में देखने को मिला। चाइना के अलावा थाईलैंड, सिंगापुर, जापान में भी कोरोना वायरस के मरीज मिल रहे हैं। हाल ही इंग्लैंड में भी एक फैमिली के इस वायरस की चपेट में आने की जानकारी सामने आई है।
  2. कोरोना वायरस क्या है?
    वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, यह वाइरस सी-फूड से जुड़ा है और इसकी शुरुआत चाइना के हुवेई प्रांत के वुहान शहर के एक सी-फूड बाजार से ही हुई मानी जा रही है। खास बात यह है कि ये वायरस ना केवल इंसानों बल्कि पशुओं को भी अपना शिकार बना रहा है।
  3. क्या कोरोना वायरस एक से दूसरे इंसान में फैलता है?
    कोरोना वायरस को लेकर हर रोज नई-नई अपडेट्स आ रही हैं। पहले इस वायरस के बारे में कहा गया था कि यह इंफेक्टेड सी-फूड खाने से ही फैलता है। जबकि हालही डब्ल्यूएचओ ने इस बात की पूरी संभावना जताई है कि यह वायरस बेहद परिवार के लोगों में एक से दूसरे को फैल सकता है।
  4. कोरोना वायरस के लक्षण क्या हैं?
    कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है। फिर यह बुखार निमोनिया का रूप ले सकता है और निमोनिया किडनी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा सकता है।
  5. कोरोना वायरस का इलाज क्या है?
    अभी तक सीधे तौर पर कोरोना वायरस पर अटैक करनेवाली कोई वैक्सीन मार्केट में नहीं आई है। लेकिन इसके लक्षणों के आधार पर डॉक्टर्स इसके इलाज में दूसरी जरूरी मेडिसिन्स का उपयोग कर रहे हैं। साथ ही साथ इसकी वैक्सीन तैयार करनेपर भी काम चल रहा है।
  6. कोरोना वायरस से बचने के तरके क्या हैं?
    - पहली और अहम बात है कि जब तक कोरोना वायरस का प्रकोप शांत नहीं हो जाता, जितना हो सके सी-फूड से दूर रहें। a) साफ-सफाई कोरोना वायरस से बचने का दूसरा और जरूरी तरीका है। कहीं भी बाहर से आने या कुछ भी खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें। सिर्फ पानी से नहीं बल्कि साबुन या हैंडवॉश से धोएं। b) अपने साथ हैंड सेनिटाइजर हमेशा रखें। जहां पानी से हाथ धोने की व्यवस्था ना हो, वहां इसका इस्तेमाल करें। c) पब्लिक ट्रांसपोर्ट का यूज करने के बाद हाथ साफ किए बिना उन्हें अपने चेहरे और मुंह पर ना लगाएं।d) बीमार लोगों की देखभाल के दौरान अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें। अपनी नाक और मुंह को कवर करके रखें। उनके इस्तेमाल किए हुए बर्तन और कपड़ों का उपयोग करने से बचें।
  7. क्या कोरोना वायरस से मृत्यु हो सकती है?
    कोरोना वायरस अगर लंबे समय तक अपना प्रभाव बनाए रखने में सफल हो जाए या घातक स्तर पर पहुंच जाए तो जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यह इस वायरस का दूसरी बार प्रकोप है और इस दौरान दुनियाभर में 30 से अधिक मौत होने की खबरें आ रही हैं।