Thursday, 19 August 2021

आखिर अध्यापको का दुश्मन LWP क्या है और क्यों है ,Why should student pay full fee if their faculties are forced to take leave without pay ... #What-is-LWP #LWP/kya/hai

 LWP बना नया सरदर्द 

LWP यानि Leave Without Pay, ये कल्चर कुछ लोगो ने अपनी संस्था को घाटे में दिखा कर चलाया था और अब ये आम हो गया है जो की प्राइवेट शिक्षको और कामगारों के लिए बहुत ही दुखदायी है . कोरोना में जहा एक और लोगो ने अंजन लोगो के लिए भी खान पान की व्यवस्था की वही प्राइवेट स्कूल कोलेजो ने इसे आपदा में अवसर की तरह भुनाया और अपने सारे स्टाफ को  छुट्टी पर भेज दिया . एक ऐसी छुट्टी जिसका कोई वेतन उन्हें नहीं दिया गया या उनके वेतन का २५ से ५० प्रतिशत कर दिया गया .

क्या है LWP:  इसका मतलब है की जब तक किसी संस्था का तुमसे काम पड़ेगा तब तक वो तुम्हे रखेगी और जैसी ही उसका तुमसे कार्य ख़त्म हो जाएगा वो संस्था आपको आपकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती घर पर छुट्टी के लिए भेज देगी . इस दौरान न तो संस्था चाहे वो कोई कोलेज हो या स्कूल ,किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं देते . और तो और यहाँ स्थिति ये हो जाती है की वो आपकी तनख्वाह भी रोक लेंगे और इस शर्त पर देंगे की जब भी वो आपको बुलाएँगे आपको तुरंत आना पड़ेगा . उसके २ महीने या ३ महीने बाद जब दोबारा से कॉलेज को आपकी जरूरत पड़ेगी तो वो आपको फिर से बुलाएँगे अन्यथा किसी और सस्ते अध्यापक को आपकी जगह रख के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ समझोता चलता ही रहेगा .

बच्चो के अधिकार पर डाका  
प्राइवेट कॉलेज बच्चो से पुरे साल की फीस जमा करवाते हैं किन्तु अपने यहाँ मेहनत करके पढ़ाने वाले अध्यापक को सेमेस्टर एग्जाम खत्म होते ही LWP पर भेज देते हैं. उनके पास इसका तर्क ये होता है की इस दौरान आपके पास कोई काम नहीं है तो हम आपको वेतन क्यों दे , किन्तु एक आम नागरिक होने के नाते हमे भी पूछने का अधिकार होना चाहिए की जब अध्यापक को पूरे साल का वेतन नहीं दे रहे हो तो फिर बच्चो से पूरे साल की फी लेने का अधिकार आपको किसने दिया .

शिक्षको के व्  उनके परिवारों पर प्रभाव 

प्राइवेट स्कूल कॉलेज द्वारा बच्चो से पूरी फीस वसूली और अध्यापक की  बिन वेतन की जबरदस्ती  छुट्टी और भी ज्यादा जी का जंजाल इसलिए भी बन जाती है क्युकी ये कॉलेज शिक्षक जैसे गरिमामयी व्यक्ति के साथ ऐसा घटिया व्यहवहार करते हैं की उसे ऐसे समय LWP नाम का जहर दिया जाता है जब उसे कही और से किसी भी प्रकार की कोई सहयता मिलने की कोई सम्भावना नहीं होती ./

एक सही सलामत व्यक्ति को यूँ खाली  बैठाकर उत्पीडित करना ना सिर्फ उसका बल्कि उसपर आश्रित उसके परिवार का भी शोषण है . जिसे सहने के लिए अध्यापक जैसे गरिमायी शब्द से मंडित लोग भी विवश हैं . 

प्राइवेट स्कूल कॉलेज सिर्फ एक बाजार बन कर रह गये हैं जहा अध्यापक को उसके सम्मान और मानदेय से अक्सर इसी प्रकार के प्रपंच्च रख कर वंचित किया जाने लगा है . 


आपके विचार : मेरे इस लेख से आप कितना सहमत हैं और आपके विचार से इसमें और क्या परेशानी शिक्षको को झेलनी पडती हैं , नीचे कमेंट बॉक्स में अपने नाम के साथ जरुर बताये . यदि आप LWP नामक समस्या से जुड़ा  कोई अनुभव,या सुझाव शेयर करना चाहते हो तो अवश्य करे .


एक अध्यापक 



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