LWP बना नया सरदर्द
LWP यानि Leave Without Pay, ये कल्चर कुछ लोगो ने अपनी संस्था को घाटे में दिखा कर चलाया था और अब ये आम हो गया है जो की प्राइवेट शिक्षको और कामगारों के लिए बहुत ही दुखदायी है . कोरोना में जहा एक और लोगो ने अंजन लोगो के लिए भी खान पान की व्यवस्था की वही प्राइवेट स्कूल कोलेजो ने इसे आपदा में अवसर की तरह भुनाया और अपने सारे स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया . एक ऐसी छुट्टी जिसका कोई वेतन उन्हें नहीं दिया गया या उनके वेतन का २५ से ५० प्रतिशत कर दिया गया .
क्या है LWP: इसका मतलब है की जब तक किसी संस्था का तुमसे काम पड़ेगा तब तक वो तुम्हे रखेगी और जैसी ही उसका तुमसे कार्य ख़त्म हो जाएगा वो संस्था आपको आपकी मर्जी के खिलाफ जबरदस्ती घर पर छुट्टी के लिए भेज देगी . इस दौरान न तो संस्था चाहे वो कोई कोलेज हो या स्कूल ,किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं देते . और तो और यहाँ स्थिति ये हो जाती है की वो आपकी तनख्वाह भी रोक लेंगे और इस शर्त पर देंगे की जब भी वो आपको बुलाएँगे आपको तुरंत आना पड़ेगा . उसके २ महीने या ३ महीने बाद जब दोबारा से कॉलेज को आपकी जरूरत पड़ेगी तो वो आपको फिर से बुलाएँगे अन्यथा किसी और सस्ते अध्यापक को आपकी जगह रख के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ समझोता चलता ही रहेगा .
शिक्षको के व् उनके परिवारों पर प्रभाव
प्राइवेट स्कूल कॉलेज द्वारा बच्चो से पूरी फीस वसूली और अध्यापक की बिन वेतन की जबरदस्ती छुट्टी और भी ज्यादा जी का जंजाल इसलिए भी बन जाती है क्युकी ये कॉलेज शिक्षक जैसे गरिमामयी व्यक्ति के साथ ऐसा घटिया व्यहवहार करते हैं की उसे ऐसे समय LWP नाम का जहर दिया जाता है जब उसे कही और से किसी भी प्रकार की कोई सहयता मिलने की कोई सम्भावना नहीं होती ./
एक सही सलामत व्यक्ति को यूँ खाली बैठाकर उत्पीडित करना ना सिर्फ उसका बल्कि उसपर आश्रित उसके परिवार का भी शोषण है . जिसे सहने के लिए अध्यापक जैसे गरिमायी शब्द से मंडित लोग भी विवश हैं .
प्राइवेट स्कूल कॉलेज सिर्फ एक बाजार बन कर रह गये हैं जहा अध्यापक को उसके सम्मान और मानदेय से अक्सर इसी प्रकार के प्रपंच्च रख कर वंचित किया जाने लगा है .
एक अध्यापक
I am 100% aggry on this.
ReplyDeletethanks a lot
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