Tuesday, 7 October 2014

Start your day with Yoga... योग दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धर्म है।


योग दुनिया का सर्वश्रेष्ठ धर्म है। यदि योग अनुसार जीवन शैली ढाली जाए तो कुछ भी संभव हो सकता है। योग का एक अंग हस्तमुद्रा योग है जो योग की सबसे सरलतम विद्या है। यहां प्रस्तुत है शक्तिपान मुद्रा की विधि और लाभ।
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मुद्रा बनाने की विधि : सबसे पहले दोनों हाथों के अंगूठे और तर्जनी अंगुली को इस तरह से मिला लें कि पान की सी आकृति बन जाएं तथा दोनों हाथों की बची हुई तीनों अंगुलियों को हथेली से लगा ले, इसे ही शक्ति पान मुद्रा कहते हैं।

इस मुद्रा का लाभ : इस मुद्रा को करने से जहां दिमागी संतुलन और शक्ति बढ़ती है, वहीं इसके निरंतर अभ्यास से भृकुटी में स्थित तीसरी आंख जाग्रत होने लगती है जिसे सिक्स्थ सेंस कहते हैं।

इसके अलावा इस मुद्रा को करने से क्रोध, सुस्ती और तनाव दूर हो जाता है साथ ही इससे याददाश्त भी बढ़ती है।










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गंजेपन का इलाज माण्डुकी मुद्रा

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यदि आपके बाल झड़ रहे हैं या सफेद हो रहे हैं तो यह मुद्रा आपके लिए है। गंजेपन से निजात पाने के लिए योग शास्त्र में माण्डु की मुद्रा को सबसे श्रेष्ठ उपाय बताया गया है। इसका लगातार अभ्यास करने से बाल स्वस्थ और मजबूत बन जाते हैं।

माण्डुकी मुद्रा बनाने की विधि : सबसे पहले मुंह को बंद कर दें। फिर जीभ को पूरे तालू के ऊपर दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे घुमाएं। इससे जीभ में लार उत्पन्न होगी। इसी को सुधा या अमृत कहते हैं। तालू से टपकती हुई लार बूंदों का जीभ से पान करें। इस क्रिया को ही माण्डुकी मुद्रा कहते हैं। 

इसका लाभ- इसको करने से झुर्रियां पड़ना और बालों का सफेद होना रुक जाता है तथा नव यौवन की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा चमकदार बनती है तथा इसके नियमित अभ्यास से वात-पित्त एवं कफ की समस्या दूर हो जाती है।

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